आते आते मेरा नाम सा रह गया
उन के होठों पे कुछ काँपता रह गया
वो मेरे सामने ही गया और मैं
रास्ते कि तरह देखता रह गया
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गए
और मैं था कि सच बोलता रह गया
आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया
----- वसीम बरेलवी
उन के होठों पे कुछ काँपता रह गया
वो मेरे सामने ही गया और मैं
रास्ते कि तरह देखता रह गया
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गए
और मैं था कि सच बोलता रह गया
आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया
----- वसीम बरेलवी
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