ये दिल के धड़कने की आवाज़
ये सन्नाटा
ये डूबते तारों की
खामोश ग़ज़ल ख्वानी
ये वक़्त की पलकों पर
सोती हुई वीरानी
जज़्बात-ए-मोहब्बत की
ये आखिरी अंगडाई
बजती हुई हर ज़ानिब
ये मौत की शहनाई
सब तुम को बुलाते हैं
पल भर को तुम आ जाओ
बंद होती मेरी आँखों में
मोहब्बत का
इक ख्वाब सजा जाओ
--- मीना कुमारी 'नाज़'
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